उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए सभी मंडलों में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय खोलने का फैसला किया है। इस निर्णय का सीधा लाभ राज्य के डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें अब सेवा संबंधी कार्यों जैसे कि तबादला, वेतन, प्रमोशन आदि के लिए दूसरे मंडलों में नहीं जाना पड़ेगा।
शिक्षकों को मिलेगी बड़ी राहत
अब तक राज्य के शिक्षकों को सेवा संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए लंबे सफर तय कर क्षेत्रीय कार्यालयों में जाना पड़ता था। लेकिन अब यह प्रक्रिया आसान होने जा रही है। सरकार के इस निर्णय के तहत हर मंडल में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे, जिससे शिक्षक और कर्मचारियों को अपने ही मंडल में सुविधाएं मिल सकेंगी।
कितने कार्यालय और कब तक?
शासन के आदेशानुसार कुल 30 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 28 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी और वर्ष 2026 तक सभी क्षेत्रीय कार्यालय कार्यशील हो जाएंगे।
किन मंडलों में होंगे कार्यालय?
इस योजना के पहले चरण में जिन मंडलों में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय खुलेंगे, वे हैं:
वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, आगरा, प्रयागराज, अलीगढ़, आजमगढ़, बरेली, मिर्जापुर, देवीपाटन, झांसी, चित्रकूट, और सहारनपुर।
इनमें से कुछ मंडलों में पहले से ही कार्यालय संचालित हो रहे हैं और शेष में नए कार्यालय खोले जाएंगे।
पदों की नियुक्ति और प्रक्रिया
कार्यालयों के लिए जिन पदों की स्वीकृति दी गई है, उनमें शामिल हैं:
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी
सहायक शिक्षा निदेशक
वरिष्ठ सहायक
कनिष्ठ सहायक
इन पदों पर नियुक्ति ट्रांसफर, सीधी भर्ती और अन्य विभागीय माध्यमों से की जाएगी।
क्या होंगे मुख्य कार्य?
इन क्षेत्रीय कार्यालयों का उद्देश्य शिक्षकों और डिग्री कॉलेज स्टाफ की सेवाओं से संबंधित सभी प्रमुख कार्यों को सुगमता से पूरा करना है। इसमें शामिल हैं:
वेतन निर्धारण
पदोन्नति प्रक्रिया
स्थानांतरण आदेश
अवकाश अनुमोदन
सेवावृद्धि की स्वीकृति
रिटायरमेंट मामलों का निस्तारण
इन सभी सेवाओं को एक ही स्थान से पूरा किया जाएगा जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय न केवल शिक्षकों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह उच्च शिक्षा क्षेत्र में प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को भी बढ़ाएगा। इससे न केवल शिक्षकों की कार्यक्षमता में सुधार आएगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।