उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्तों में बड़ा संशोधन किया है। करीब सात साल बाद यह बढ़ोतरी लागू की गई है, जिससे जनप्रतिनिधियों की मासिक आय में लगभग 85 हजार रुपये की वृद्धि होगी। यह फैसला विधानसभा में पारित विधेयक के तहत लागू किया गया है और 2025 से इसका प्रभाव दिखेगा।
विधायकों का नया वेतन ढांचा
अब तक विधायक हर महीने 2.11 लाख रुपये पाते थे, लेकिन नए प्रावधान के बाद यह राशि बढ़कर 3.05 लाख रुपये हो जाएगी। इसमें वेतन के अलावा, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, सचिवीय भत्ता, चिकित्सा सुविधा और यात्रा भत्ता शामिल हैं।
विधायकों का बेसिक वेतन 25,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये कर दिया गया है। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50,000 रुपये से बढ़कर 75,000 रुपये, सचिवीय भत्ता 15,000 रुपये से 30,000 रुपये, और चिकित्सा सुविधा 20,000 रुपये से 45,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा यात्रा भत्ता भी अब सालाना 1.25 लाख रुपये से बढ़कर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।
मंत्रियों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी
मंत्रियों का वेतन पहले 40,000 रुपये था, जिसे अब 50,000 रुपये कर दिया गया है। साथ ही अन्य भत्तों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। इस बदलाव से मंत्रियों की मासिक आय पर भी सीधा असर होगा और उनका कुल पैकेज अब पहले से कहीं अधिक हो गया है।
पूर्व विधायकों को भी मिला लाभ
सरकार ने पूर्व विधायकों को भी इस वेतन वृद्धि का लाभ दिया है। पहले उन्हें प्रति माह 25,000 रुपये पेंशन मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, जिन पूर्व विधायकों ने दो या उससे अधिक बार कार्यकाल पूरा किया है, उन्हें अतिरिक्त पेंशन का प्रावधान भी मिलेगा।
रेलवे कूपन और यात्रा सुविधा
सदस्यों को रेलवे कूपन के रूप में 4.25 लाख रुपये तक की सुविधा दी गई है। पहले यह सीमा 2.50 लाख रुपये थी, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। इस कूपन का उपयोग जनप्रतिनिधि और उनके परिजन कर सकते हैं। वहीं, पूर्व विधायकों को भी यात्रा सुविधा का लाभ मिलेगा, जिसमें वार्षिक 1.50 लाख रुपये तक की सीमा निर्धारित की गई है।
क्यों की गई यह बढ़ोतरी?
वेतन बढ़ाने का मुख्य कारण बढ़ती महंगाई और जनप्रतिनिधियों के खर्चों में लगातार वृद्धि है। पिछली बार 2016 में वेतन में बड़ा बदलाव किया गया था। उसके बाद अब जाकर यह संशोधन लागू किया गया है। सरकार का मानना है कि जिम्मेदारियों और कार्यभार के हिसाब से जनप्रतिनिधियों को बेहतर आर्थिक सहयोग मिलना जरूरी है।
जनता पर इसका क्या असर होगा?
एक तरफ जहां सरकार का तर्क है कि बेहतर वेतन मिलने से जनप्रतिनिधि और मजबूती से जनता की सेवा कर पाएंगे, वहीं दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस फैसले का असर कितना सकारात्मक रहता है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम निश्चित रूप से विधायकों और मंत्रियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। हालांकि, जनता के बीच यह बहस जरूर रहेगी कि क्या इतनी बड़ी बढ़ोतरी सही समय पर हुई है। यदि यह बढ़ोतरी जनता के विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाती है, तो इसे एक सकारात्मक पहल कहा जा सकता है।