उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यवासियों को एक नई योजना का तोहफा दिया है। सरकार अब सीएम पोषण मिशन की शुरुआत करने जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा उपलब्ध कराना है।
पोषण और शिक्षा का संगम
इस मिशन के तहत प्री-प्राइमरी शिक्षा को मज़बूत करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों से जोड़ा जाएगा। इससे छोटे बच्चों को शुरुआती उम्र से ही पोषण और शिक्षा दोनों का लाभ मिलेगा। सरकार का मानना है कि शुरुआती सालों में बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा उन्नयन
नए मिशन के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य सेवाएँ और शैक्षिक गतिविधियाँ एक साथ उपलब्ध होंगी। बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही सही माहौल और पोषण मिलेगा, ताकि उनकी नींव मज़बूत हो सके।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान अवसर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में बेसिक शिक्षा से जुड़ा कोई भी विद्यालय बंद नहीं होगा। इसके बजाय छोटे स्कूलों को बड़े विद्यालयों से जोड़ा जाएगा ताकि बच्चों को बेहतर संसाधन और शिक्षकों की उपलब्धता मिल सके। एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
महिलाओं और छात्राओं के लिए विशेष योजनाएँ
सरकार ने महिलाओं और छात्राओं के लिए भी नई घोषणाएँ की हैं। छात्राओं को विशेष छात्रवृत्ति दी जाएगी ताकि वे अपनी पढ़ाई बिना किसी बाधा के पूरी कर सकें। इसके साथ ही महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण संबंधी योजनाओं को और मज़बूती दी जाएगी।
सीएम पोषण मिशन के लाभ
इस मिशन से राज्य में लाखों बच्चों और महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। बेहतर पोषण से बच्चों की सेहत में सुधार होगा और शिक्षा से उनका भविष्य उज्जवल बनेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बच्चों को शुरुआती अवस्था से ही संतुलित आहार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, तो वे आगे चलकर समाज और देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल बच्चों और महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में है, बल्कि यह राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली को भी मज़बूत करेगा। “सीएम पोषण मिशन” से आने वाले समय में बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों और स्वास्थ्य मानकों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है।