केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छात्रों के पंजीकरण और परीक्षाओं के लिए एक नया नियम लागू करने का निर्णय लिया है। इस नियम के तहत अब 9वीं, 11वीं कक्षा के पंजीकरण और 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षा सूची (List of Candidates) में केवल वही छात्र शामिल होंगे जिनकी APAAR ID (Automated Permanent Academic Account Registry) से जानकारी लिंक की गई होगी।
अपार आईडी क्या है और क्यों जरूरी है
अपार आईडी, जिसे “वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी” भी कहा जाता है, एक 12 अंकों की यूनिक पहचान संख्या है। यह छात्रों के पूरे शैक्षणिक जीवन से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित रखती है। इसमें उनके अंकपत्र, प्रमाण पत्र, डिग्री, डिप्लोमा और अन्य उपलब्धियां डिजिटल रूप में दर्ज होती हैं। इसका उद्देश्य छात्रों के लिए एक डिजिटल अकादमिक पहचान पत्र तैयार करना है, जो उन्हें शिक्षा से संबंधित हर स्तर पर काम आएगा।
सरकार का मानना है कि अपार आईडी से छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और स्थायी रूप से उपलब्ध रहेंगे। साथ ही यह शिक्षा प्रणाली को डिजिटल रूप में और अधिक मजबूत बनाएगा।
पंजीकरण और परीक्षा के लिए नई प्रक्रिया
अब तक सीबीएसई में छात्र पंजीकरण और परीक्षा के लिए स्कूलों द्वारा दी गई जानकारी ही अंतिम मानी जाती थी। लेकिन अब मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बिना अपार आईडी लिंक किए किसी भी छात्र का नाम पंजीकरण या परीक्षा सूची में शामिल नहीं होगा।
इससे शिक्षा विभाग को छात्रों की सही जानकारी उपलब्ध रहेगी और भविष्य में गलत डेटा या डुप्लीकेशन की समस्या नहीं आएगी।
छात्रों के लिए फायदे
अपार आईडी बनने के बाद छात्रों को कई लाभ मिलेंगे। वे कहीं भी पढ़ाई करें, उनके रिकॉर्ड सुरक्षित और ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। उच्च शिक्षा में प्रवेश या विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन करते समय छात्रों को बार-बार दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा नौकरी या स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने में भी यह आईडी मददगार साबित होगी।
स्कूलों की जिम्मेदारी
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे समय पर अपने छात्रों का अपार आईडी कार्ड बनवाएं और उन्हें बोर्ड के साथ लिंक करें। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और छात्रों को केवल एक बार अपनी बेसिक जानकारी देनी होगी। इसके बाद उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां अपने आप अपडेट होती रहेंगी।
शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि अपार आईडी प्रणाली से शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव होगा। भारत जैसे बड़े देश में जहां करोड़ों छात्र पढ़ाई करते हैं, वहां इस तरह की डिजिटल पहचान व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों को आजीवन लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
सीबीएसई का यह नया कदम छात्रों के लिए अनिवार्य तो है, लेकिन यह उनके लिए भविष्य में बेहद उपयोगी साबित होगा। सभी स्कूलों और अभिभावकों को चाहिए कि वे समय रहते अपने बच्चों की अपार आईडी (APAAR ID) बनवाएं और उसे पंजीकरण से पहले लिंक कर दें। इससे छात्रों को एक डिजिटल शैक्षणिक पहचान मिलेगी और शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम मिलेगा।