उत्तर प्रदेश के अटल आवासीय विद्यालयों से इस साल एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। प्रदेशभर के 18 विद्यालयों में पढ़ने वाले 2300 से अधिक छात्र पहली बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। यह उपलब्धि न केवल विद्यालयों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है।
100% परिणाम का लक्ष्य
बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के बेहतर प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। इसी उद्देश्य से राजधानी लखनऊ स्थित बाबू भवन में सभी प्रधानाचार्यों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री अनिल राजभर ने की और विद्यालयों से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की।
अटल आवासीय विद्यालय योजना की झलक
अटल आवासीय विद्यालय योजना के तहत प्रदेश के 18 मंडलों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालयों का निर्माण किया गया है। श्रम विभाग की देखरेख में इन विद्यालयों पर लगभग 1267 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य श्रमिक परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर वातावरण और समान अवसर प्रदान करना है।
शैक्षिक गतिविधियों की समीक्षा
बैठक में महानिदेशक पूजा यादव ने विद्यालयों में चल रही शैक्षिक गतिविधियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। साथ ही प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. एमके शनमुगा सुन्दरम और विशेष सचिव कुणाल सिल्कू ने छात्रों की प्रगति और विद्यालयों के प्रदर्शन पर चर्चा की। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से बच्चों का शैक्षणिक स्तर बेहतर हुआ है और बोर्ड परीक्षाओं में भी अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा रही है।
भविष्य की दिशा
अटल आवासीय विद्यालय न सिर्फ शिक्षा, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और नवाचार को भी शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इन विद्यालयों से पढ़ने वाले बच्चे समाज में एक नई पहचान बनाएँ और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँ।
निष्कर्ष
अटल आवासीय विद्यालयों के 2300 से अधिक छात्रों का बोर्ड परीक्षा में बैठना एक ऐतिहासिक कदम है। यह केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणादायक पहल है। सरकार की मंशा है कि आने वाले वर्षों में इन विद्यालयों से शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर हो तथा छात्र 100% सफलता दर हासिल करें।