अब 9वीं से 12वीं तक के शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना अनिवार्य

देश में शिक्षक बनने के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाने के लिए केवल बीएड या स्नातकोत्तर डिग्री होना पर्याप्त नहीं रहेगा। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) को अब इस स्तर पर भी अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लिया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को और अधिक गुणवत्ता आधारित और योग्यता-केंद्रित बनाना है।

पहले केवल 1-5 और 6-8 कक्षाओं के लिए होती थी CTET परीक्षा

अब तक CTET परीक्षा दो स्तरों के लिए आयोजित की जाती थी — प्राथमिक स्तर (कक्षा 1-5) और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6-8)। लेकिन अब CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) द्वारा जारी की जाने वाली नई गाइडलाइन के अनुसार, कक्षा 9 से 12 तक के लिए भी CTET परीक्षा आयोजित की जाएगी।

इस बदलाव का उद्देश्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार लाना है, ताकि छात्र बेहतर शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त कर सकें।

अब 9वीं से 12वीं तक के शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना अनिवार्य

बीएड और स्नातकोत्तर डिग्री के साथ CTET अनिवार्य

अब यदि कोई अभ्यर्थी 9वीं से 12वीं कक्षा तक के किसी भी विषय का शिक्षक बनना चाहता है, तो उसके पास संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री और बीएड के साथ-साथ CTET उत्तीर्ण होना भी जरूरी होगा। इस बदलाव से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शिक्षक न केवल शैक्षणिक रूप से योग्य हों, बल्कि वे टीचिंग के बेसिक कौशल और शिक्षण विधियों में भी पारंगत हों।

बालवाटिका के लिए भी होगी पात्रता परीक्षा

नई व्यवस्था के तहत बालवाटिका (Pre-Primary) के शिक्षकों के लिए भी विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए अलग से योग्यता मापदंड तय किए जा रहे हैं, जिसमें शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ बाल मनोविज्ञान और प्रारंभिक शिक्षा की समझ पर विशेष जोर होगा।

2025 से लागू हो सकती है नई प्रणाली

सीबीएसई के अनुसार, 2025 से पहले CTET परीक्षा में यह बड़ा बदलाव लागू किया जा सकता है। इसके लिए परीक्षा के नए पेपर पैटर्न, पाठ्यक्रम और योग्यता मापदंड तय किए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय और NCERT इस बदलाव पर मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इसे समयबद्ध और प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।

CTET क्या है और इसका महत्व क्यों बढ़ा?

CTET यानी Central Teacher Eligibility Test एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा है जिसे CBSE आयोजित करता है। इस परीक्षा का उद्देश्य योग्य और दक्ष शिक्षकों की भर्ती सुनिश्चित करना है। पहले यह परीक्षा केवल प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर तक सीमित थी, लेकिन अब इसे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर तक बढ़ाया जा रहा है।

CTET पास अभ्यर्थियों को सरकारी और कुछ निजी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। अब जब यह 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों के लिए अनिवार्य हो जाएगा, तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाएगा।

किस स्कूल में बन सकते हैं CTET पास शिक्षक?

CTET परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, आर्मी स्कूल, एयरफोर्स स्कूल, और कई राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, कई निजी स्कूलों में भी CTET पास शिक्षक को प्राथमिकता दी जाती है।

निष्कर्ष – बदलाव की दिशा में अहम कदम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह निर्णय एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम माना जा सकता है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और देश को बेहतर प्रशिक्षित शिक्षक मिल सकेंगे। जो उम्मीदवार 9वीं से 12वीं तक पढ़ाने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अब से CTET की तैयारी भी करनी चाहिए।

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